Essay on Importance of Water in Hindi Language – जल ही जीवन है


Essay on Importance of Water in Hindi Language: जल का केमिकल फार्मूला H2O है। हमारे शरीर में लगभग 70% मात्रा जल की होती है। जबकि यह सम्पूर्ण पृथ्वी पर दो- तिहाई भाग में उपलब्ध है। इस हिंदी ब्लॉग में जल, और जल के निबंध के रूप में पर सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

Importance of Water in Hindi - जल ही जीवन है

(जल का महत्व पर निबंध 100 Words)

Essay on Importance of Water in Hindi

दरसल, मानव शरीर के लिए हवा, पानी और भोजन अति महत्वपूर्ण है। एक कहावत के अनुसार “जल ही जीवन है”। अर्थात जल के बिना मानव या जीवित प्राणियों का जीवित रहना असंभव है।

हर जीवित प्राणी का जीवन जल से जुड़ा है। अर्थात जल ही जीवन है। हर प्राणी, पेड़, पौधों, एवं मनुष्यों में जल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जो पदार्थ जल में नहीं घुलते हैं उन्हें अघुलनशील पदार्थ बोलते हैं। जैसे- तेल, इत्यादि। यह अघुलनशील पदार्थ हाइड्रोफोबिक कहलाते हैं। पानी का कोई रंग नहीं होता है लेकिन सूर्य की रोशनी के कारण जल नीला दिखाई देता है

प्रकृति में मौजूद जल (H2O) का मात्र 2% भाग ही मानवों के पीने के योग्य है। जल में घुलित हमारे ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं के द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचती है।

Essay on Global Warming in Hindi

Horoscope Today

(जल का महत्व पर निबंध 300 Words)

Essay on Importance of Water in Hindi

जल एक योगिक है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं से मिलकर बनता है हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन का एक परमाणु मिलकर जल का एक अणु का निर्माण करते हैं। यह परमाणु आपस में हाइड्रोजन सहसंयोजक बंध के कारण जुड़े रहते हैं

शुद्ध उदासीन होता है इसलिए शुद्ध जल का पीएच मान 7 होता है। जल अम्लीय है या छारीय इसका पता पीएच मान से लगता है। जब किसी बिलियन में H+ (हाइड्रोजन आयन) जितने कम होते हैं पीएच मान उतना ही ज्यादा होता है तथा जब किसी बिलियन में H+ (हाइड्रोजन आयन) जितने अधिक होते हैं, पीएच मान उतना ही कम होता है।

PH मान 7 से कम वाले जल को अम्लीय और इससे ज्यादा ph मान वाले द्रव को छारीय कहा जाता है।

जल विद्युत का कुचालक होता है, जबकि लवणीय है या गंदा जल विद्युत का सुचालक होता है। वैसे शुद्ध जल में मौजूद मिनरल्स के कारण कुछ हद तक शुद्ध जल भी विधुत का सुचालक हो जाता है।

Essay on Forest Conservation in Hindi

जल चक्र (Water Cycle)

जीवित प्राणियों एवं विभिन्न कारकों के लिए जल की निरंतर आवश्यकता होती है। यह जल वायु मंडल में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से एक ही चक्र में चलता है इस चक्र को जल चक्र कहते हैं।

जीवित प्राणियों एवं विभिन्न कारकों के लिए जल की निरंतर आवश्यकता होती है। यह जल वायु मंडल में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से एक ही चक्र में चलता है इस चक्र को जल चक्र कहते हैं। यह प्रक्रियाएं हैं- वाष्पीकरण, ट्रांस्पिरेशन, कंडेंसेशन, प्रेसिपिटेशन

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

  • वाष्पीकरण (Evaporation) की प्रक्रिया में झील, समुद्र, नदी को सूर्य की गर्मी गर्म करती है जिसके फलस्वरूप जल वाष्प या भाप बनकर वायुमंडल में चला जाता है।
  • जल चक्र में ट्रांस्पिरेशन (Transpiration) की प्रक्रिया में पेड़ पौधों की पत्तियों में मौजूद जलवासपी करत होकर वायुमंडल में चला जाता है
  • कंडेंसेशन (Condensation) प्रक्रिया में जल ठंडा होकर तरल बन जाता है और बादलों का आकार ले लेता है।
  • अतः अंत में जल चक्र में प्रेसिपिटेशन (Precipitation) प्रक्रिया आती है जिसमें जल बादलों में परिवर्तित होकर वर्षा का रूप लेकर बरसता है।

जल ही जीवन है पर निबंध 500 शब्द (Jal Hi Jeevan Hai)

Essay on Importance of Water in Hindi

जल हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल रखता है इसलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है। प्रकृति में हर जीवित प्राणी के जीवन में पानी का महत्व अत्यधिक होने के कारण ही कहा गया है कि, जल ही जीवन है। अर्थात हर प्राणी, पेड़, पौधों, एवं मानवों में पानी एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। क्यूंकि जल में उपस्थित बहुमूल्य पोषक तत्त्व और मिनरल्स मानव शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते है।

Water Conservation Essay in Hindi

जल के उपयोग

कृषि: एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 69% पानी का उपयोग कृषि क्षेत्र में होता है।

मत्स्य पालन: मत्स्य पालन को एक जलीय कृषि माना जाता है। इस मत्स्य पालन के लिए मीठे पानी की आवश्यकता पड़ती है। यह मत्स्य पालन विश्व में बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य पदार्थ के रूप में एक महत्वपूर्ण साधन है।

Essay on Child Labour in Hindi

पीने का पानी: एक रिपोर्ट के अनुसार मानव शरीर में लगभग 55% से 78% तक पानी मौजूद रहता है। मानव शरीर में प्रतिशत मात्रा यह अंतर शरीर के आकार पर निर्भर है। प्रति प्रत्येक प्राणी के लिए जल नितांत आवश्यक है। जल शरीर को कई बहुमूल्य मिनरल्स देता है। प्रकृति में मौजूद जल का मात्र 2% भाग ही मानवों के पीने के योग्य है।

Essay on Importance of Yoga in Hindi

जल एक विलायक के रूप में: जल को एक सार्वत्रिक विलायक समझा जाता है। जिसमें कई पदार्थों को घोलने का गुण होता है। अतः रसायन विज्ञान में जल का प्रचुर मात्रा में उपयोग किया जाता है।

आग बुझाने में: जल अपने आप में एक उच्च वाष्पीकरण की उष्मा रखती है जो कि निष्क्रिय होती है इस कारण से यह आग बुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्युत उपकरणों में जल का उपयोग आग बुझाने में नहीं होता क्योंकि अशुद्ध जल विद्युत की सुचालक होती है

विधुत बनाने में: ऊर्जा मानव जीवन के लिए नितांत आवश्यक है। और इसमें जल विधुत ऊर्जा का एक अपना ही महत्व है, क्यूंकि यह वातावरण को प्रदूषित नहीं करती है

जल विधुत एक प्रदूषण रहित नवीकरणीय ऊर्जा का श्रोत है। जिसमे ऊंचाई से गिरते पानी की गतिज ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

Essay on Diwali in Hindi

Essay on Importance of Water in Hindi

जल के प्रकार

  1. मृदु जल: अगर हम जल को किसी साबुन के साथ घोले और झाग बने, तो यह जल मृदु जल होगा। 
  2. कठोर जल: अगर हम जल को किसी साबुन के साथ घोले और झाग बने, तो यह जल कठोर जल होगा।

सामान्यतः जल की कठोरता दो प्रकार की होती है।

  1. अस्थायी कठोरता: जल की अस्थायी कठोरता दूर करने के लिए जल को उबालते हैं। यदि हम अस्थायी कठोरता वाले जल में बुझा चूना मिला दें तब भी अस्थायी कठोरता दूर हो जाती है। जल की अस्थायी कठोरता का मुख्य कारण कैल्शियम और मैग्नीशियम के कॉर्बोनेट का घुला होना है।
  2. स्थायी कठोरता: वही अगर जल को उबलने पर भी कठोरता दूर नहीं होती है तो इसे स्थायी कठोरता कहते हैं। जल की स्थायी कठोरता जल में कुछ लवणों के घुले होने के कारण होती है। ये लवण हैं – कैल्शियम और मैग्नीशियम के सल्फेट, क्लोराइड, नाइट्रेट, इत्यादि। यदि हम स्थायी कठोरता दूर करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें जल में सोडियम कॉर्बोनेट डालकर उबालते हैं। यह करने से दोनों ( अस्थायी, स्थायी ) कठोरता दूर हो जाती है।

Essay on Independence Day in Hindi

10 lines on importance of water Essay in Hindi

जल का महत्व पर 10 लाइन

जल,  मानव जीवन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदार्थ है। इस जल के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

  1. प्रकृति में जल 3 अवस्थाओं में पाया जाता है। ठोस, द्रव, गैस
  2. जल रंगहीन, स्वादहीन,  और गंधहीन पदार्थ  है
  3. पानी या जल का क्वथनांक (water boiling point) 100 oC या 373 केल्विन तथा जल का हिमांक (water freezing point) 0 oC या 273 केल्विन होता है।
  4. अगर जल को हम जमाएं तो इसका घनत्व कम हो जाता है। अतः बर्फ के कम घनत्व के कारण से बर्फ जल में तैरती रहती है।
  5. जमे हुए पानी या बर्फ का घनत्व कम होने के साथ साथ बर्फ का आयतन 9 गुना बढ़ जाता है।
  6. जल के जमने पर भी मछलियां पानी में जीवित रहती हैं क्यूंकि जमने पर भी तालाब के तल पर तापमान 4 oC रहता है।
  7. जो तत्त्व हाइड्रोजन से अधिक विद्युत धनात्मक गुण रखते हैं, उन्हें जल में रखने पर हाइड्रोजन का उत्सर्जन करते हैं। ये हाइड्रोजन गैस अत्यधिक विस्फोटक एवं ज्वलनशील होती है। इस कारण से इन तत्वों को जल में नहीं रखते हैं। ये तत्त्व हैं- सोडियम (Na) इत्यादि।
  8. जल का अधिकतम घनत्व 98 oC पर होता है।
  9. जल का पर्वतों पर क्वथनांक (boiling point) 68 oC जबकि समुद्रतल पर या पृथ्वी पर 100 oC होता है।
  10. यह एक सार्वत्रिक विलायक के रूप में जाना जाता है। अर्थात जल में अधिकतर पदार्थ घुल जाते हैं जबकि कुछ पदार्थ नहीं घुलता हैं। जो पदार्थ जल में घुल जाते हैं उन्हें घुलनशील पदार्थ कहते हैं, जैसे- चीनी, नमक, दूध, इत्यादि। यह घुलनशील पदार्थ हयड्रोफिलिक कहलाते हैं।

Importance of Wildlife Conservation Essay in Hindi

निष्कर्ष

अतः जल की प्रत्येक बूँद का अस्तित्व उतना ही है जितना मानव या जीवित प्राणियों के लिए प्राणवायु और भोजन। अतः जल का उचित मात्रा में प्रयोग करना और जल की बचत करना हम सभी का कर्त्तव्य है।

Essay on Save Water in Hindi


 

Leave a Comment